व्यापारियों के हितों को लेकर सरकार की मंशा साफ नहीं

इटावा! उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत की प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक बुलंदशहर में विशाल फार्म हाऊस में आयोजित की गई। बैठक में इटावा सहित 35 जिलों के व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों ने भाग लिया

प्रांतीय अध्यक्ष, श्री लोकेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में सरकारी निर्माण कार्यों जैसे सड़कों का चौड़ीकरण, नए पुलों का निर्माण, मेट्रो रेल मार्ग,रेलवे स्टेसनों के सौन्दर्यीकरण के चलते यदि किसी एक वर्ग पर सबसे ज्यादा चोट पहुंचती है तो वह व्यापारी वर्ग है। इन विकास कार्यों के चलते बड़ी संख्या में प्रदेश के छोटे और मझोले व्यापारी रोजगार बंद करने के कगार पर खड़े हैं। कुछ स्थानों पर तो उनकी दुकान पूरी तरह कार्यों के चपेट में आ गई है। ऐसे सरकार द्वारा उनको सहायता नहीं मिली तो वे परिवार भूखों मर जाएंगे अथवा आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन कार्यों के चलते यदि किसानों को अथवा अन्य सभी लोगों को उनकी भूमि का मुआवजा देती है तो व्यापार चौपट होने की दशा में व्यापारी को भी उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही उसे जीएसटीए बिजली बिल व बैंकों के कर्ज में माफी दी जाए।

इटावा जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित नें कहा, कि आज जीएसटी विभाग, फूड विभाग, श्रम विभाग, विद्युत विभाग, पुलिस प्रशासन आदि सब अपने-अपने ढंग से व्यापारियों के उत्पीड़न में लगे हैं। इन उत्पीड़नों के चलते व्यापारी अपना व्यापार बंद कर ने को मजबूर है।

जीएसटी विभाग के उत्पीड़न की चर्चा करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेश वर्मा नें कहा कि सर्वे छापे के नाम पर जिस प्रकार जीएसटी विभाग व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा है उसकी बानगी कानपुर में देखने को मिली। कानपुर में एक व्यापारी के सभी दृष्टि से वैधानिक सामान को जांचने के नाम पर उसके ट्रक ड्राइवर को रोका गया और उसका इतना उत्पीड़न किया गया कि उसकी मौत हो गई। व्यापारियों की हितेषी कही जाने वाली सरकार ने अभी तक उस ड्राइवर के हित में जीएसटी के उन संबंधित अधिकारियों को न तो गिरफ्तार किया और ना ही नौकरी से बर्खास्त कर जेल भेजा। ऐसे में सरकार में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों की मंशा पर भी प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है।

भारतेन्द्र नाथ भारद्वाज, जिला अध्यक्ष,उघोग मंच इटावा ने कहा कि भीषण गर्मी के चलते चारों ओर हाहाकार मचा है ऐसे में बिजली विभाग मनमाने ढंग से मेंटेनेंस के नाम पर अघोषित कटौती करता रहता है। यह बंद होनी चाहिए। विभाग को यदि कटौती करनी है तो पहले से घोषित करें कि किस क्षेत्र में मेंटेनेंस के नाम पर कितने घंटे कटौती होगी और उसका नियम पूर्वक पालन किया जाना चाहिए।

जिलामहामंत्री इटावा रिषी पोरवाल, ने कहा कि सैम्पलिंग के नाम पर लगातार व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। सरकार द्वारा निर्माताओं से एनुअल रिटर्न की मांग फूड एक्ट में की जा रही है, जो कि बिलकुल गलत है, पहले ही व्यापारी जीएसटी व इनकम टैक्स की रिटर्न भरते-भरते परेशान है। अभी नये आदेश की सूचना प्राप्त हुई है कि सभी निर्माताओं को प्रत्येक 6 माह में अपने उत्पाद की एन.ए.बी.एल. लैब से जांच कराकर सैम्पल की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड़ करनी होगी। ऐसे तुकलगी आदेश तुरन्त वापिस होने के लिए संघर्ष समिति बनाकर आन्दोलन की रूप-रेखा तैयार करना तुरन्त आवश्यक है।

बैठक में इटावा से जिला कोषाध्यक्ष कामिल कुरैशी, जिला उपाध्यक्ष हाजी शेख आफताब, बन्टी मंसूरी, महिला जिलाध्यक्ष अर्चंना कुशवाहा, युवा जिलाध्यक्ष रियाज अब्बासी, महिला शहर अध्यक्ष किरन सोनी,महिला जिला कोषाध्यक्ष डी पी सिंह तौमर, युवा जिला सचिव अली फैयाज, शहर उपाध्यक्ष जे के गुप्ता आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

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