हज़रत कासिम की शहादत पर हुआ मजलिसों का आयोजन
इटावा। इमाम हसन के बेटे हज़रत कासिम अस. की शहादत पर शहर के विभिन्न इमामबाड़ों में जहां मजलिसों का आयोजन किया गया वहीं हज़रत कासिम अस. की मेहदी की ज़ियारत भी बरामद की गई।
आलमपुरा इमामबाड़े में शानू की ओर से आयोजित मजलिस में मौलाना मिर्जा अज़हर अब्बास दिल्ली ने तकरीर में कहा हज़रत कासिम कर्बला में 13 वर्ष के थे, लेकिन इमाम हुसैन से इजाजत लेकर मैदाने जंग में गए तो दुश्मने इस्लाम के ऊपर बढ़ बढ़ कर हमले किये लेकिन दुश्मनों की फ़ौज ने ऐसा हमला किया कि हज़रत कासिम शहीद हो गए। इमामबाड़ा अज़मत अली पर आयोजित मजलिस में तकरीर करते हुए मौलाना शमशुल हसन जौनपुरी इमामे जुमा बरेली शरीफ ने कहा इमाम हुसैन हज़रत कासिम को जंग की इजाजत नहीं दे रहे थे, लेकिन इमाम हसन की वसीयत पर उन्होनें इजाजत दी। हज़रत कासिम ने जंग की और जख्मी होकर जमीन पर गिर गए इसके बाद दुश्मने इस्लाम ने हज़रत कासिम के ऊपर घोड़े दौड़ाए जिससे हज़रत कासिम के बदन के कई टुकड़े हो गए। मजलिस में तसलीम रज़ा, सलीम रज़ा, जहूर नक़वी ने सोजख्वानी की, सलमान रिज़वी, आबिद रज़ा ने कलाम पेश किये। जाफर ईरानी, राहिल सगीर ने नोहाख्वानी की। अंजुमने हैदरी कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी ने बताया एक4दरगाह मौला अब्बास महेरे पर स्व. अजादार हुसैन नक़वी द्वारा कायम मजलिस 27 जुलाई को सुबह 9 बजे होगी, इसके बाद कबीरगंज में तहसीन रजा के मकान पर मजलिस होगी, इसके बाद स्वामी टोला में आले रज़ा नक़वी के मकान पर मजलिस होगी, इसके बाद साबितगंज में अश्शू रिज़वी के मकान पर मजलिस होगी। इसके अलावा अशरे की मजलिसें होंगी।