आपको अवगत कराना है कि जनपद इटावा के अंतर्गत आने वाली इटावा से मैनपुरी तक जाने वाली रेलवे लाइन पर गांवों को जोड़ने के लिये निकले संपर्क मार्गों पर रेलवे फाटकों के स्थान पर अंडर ब्रिज बनाये जाने के बाद वर्षा ऋतु के दिनों में यह आमजनमानस केे लिये परेशानी का सबब बन गये हैं। वर्षा लगातार जारी रहने के बाद इनमें जल भराव हो जाता है। और जल निकासी का कोई इंतजाम नहीं है, जिससे लोगों को गंदे पानी से होकर ही निकलना पड़ता है। आये दिन इनमें यात्री वाहन फंसकर खराब होते रहते हैं। पैदल यात्री तो निकल ही नही सकता है रेलवे के अधोगामी पुलों को टीन शेड से कवर होने के बाद भी वर्षा का पानी नही रुक पा रहा है पानी भरने के बाद निकालने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके चलते इन अंडर ब्रिज से निकलने वाले सैकड़ों गांव बालों के लिये यह अंडर ब्रिज मुसीबत बने हुये हैं। पुल के नीचे का पानी कभी मिटता ही है नहीं है।जिससे उसमे मक्षर कीड़े मकोड़े पैदा हो जाते है क्योंकि टिनशेडों को इस तरह से नहीं लगाया गया है कि बरसाती पानी न जाये जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है। रेलवे लाइन अंडरब्रिज से होकर छोटे-छोटे बच्चे बेटियां स्कूल में पढ़ने के लिये निकलते हैं और बीमार व्यक्ति को एंबुलेंस से भी अस्पताल पहुंचने में कई कि मि का चक्कर लगाना पड़ता है। जिससे जनता में भारी नाराजगी है। इटावा-मैनपुरी रेल लाइन पर 30 अंडर ब्रिज बनाए गए थे।रेलवे ने अंडर पास बनने के बाद रेलवे लाइन के किनारे बसे गांव के लोगो को आवागमन में काफी सहूलियत होने के बात कही थी। लेकिन ठीक उल्टा हो रहा है। अंडर ब्रिज बनने से अंदर बरसात का पानी भर जाता है जिससे वहां ग्रामीणों को आवागमन में बड़ी समस्या से जूझना पड़ता है।इटावा से मैनपुरी की दूरी लगभग 56 किमी है। इस 56 किमी की दूरी में इटावा जिला मुख्यालय से शुरू होकर डी पी एस स्कूल, एलबिजपुरी खेड़ा,अधियापुर, रजमऊ,बैदपुरा,काठीहार,नगला रेउँजा,नगला अनिया,हैवरा, नगला सेऊ,मुचेहरा,सहित कुल 30 अंडर ब्रिज हैं। रेलवे के अफसरों की निगरानी के अभाव में जनता की दुश्वारियां कम होने के बजाय लगातार बढ़ रही हैं। रेलवे के अंडर ब्रिज पर पानी भरने की समस्या बताने के लिए रेलवे ने कंट्रोल रूम के नंबर लिखे हैं यहां के फोन उठते ही नहीं है।

आपसे जनहित में अनुरोध है कि कोई बड़ी दुर्घटना हो उससे पहले उपरोक्त समस्या से निजात दिलाएं।

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