मंहगाई ने अब छीन ली खाना की थाली से ‘तड़का वाली दाल’

       *जीरा 800 रुपए किलो, टमाटर 150 रुपए   *हरी मिर्च के भाव भी

फोटो:-आम भारतीयों की थाली और मंहगाई की भेंट चढ़े टमाटर, जीरा, हरी मिर्च
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        जसवंतनगर (इटावा)। जबरदस्त महंगाई आम आदमी को क्या क्या रंग दिखा रही है कि लोगों के खाने की थालियों से वह परंपरागत खानपान गायब हो रहे है जो उनकी सेहत और स्वाद के लिए जरूरी माने जाते रहे हैं।
      इन दिनों टमाटर के भावों को लेकर देशभर में हंगामा कटा है क्योंकि इनका भाव कहीं-कहीं ₹200 किलो से ऊपर पहुंच गया है सरकार द्वारा इसको संज्ञान में लिया गया है, फिर भी टमाटर के भाव अभी कहीं भी कम नहीं हुए हैं।
   हालांकि सोशल मीडिया और अखबारों में टमाटर के भाव को लेकर काफी शोर है, मगर दूसरी ओर सब्जियां तैयार करने में बहुतायत से प्रयोग में लिए जाने वाले ‘जीरा’ की ओर किसी का ध्यान नहीं है। आपको किसी पंसारी की दुकान पर जाकर ही पता लग सकेगा कि पिछले एक- डेढ़ महीने में जीरे का भाव चुपके चुपके ढाई सौ रुपए किलो के भाव से चढ़ता हुआ, अब 800 रुपए किलो के आसपास  पंहुच गया है। 
   बताया गया है कि जीरा उत्पादन के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध राजस्थान और गुजरात के इलाकों तथा ऊंझा जिले में इस बार जीरे की फसल बुरी तरह मारी गई है। इस वजह से पूरे देश में जीरे की कमी इस कदर हो गई है की पसारी बाजार के विशेषज्ञ व्यापारी बता रहे हैं कि आगामी महीनों में इसका भाव चढ़कर एक हजार रुपए प्रति किलो से ऊपर जाने वाला है।
   जीरे का उपयोग दाल-सब्जी छोंकने और तड़का लगाने में आम  भारतीय परिवारों में बहुतायत से होता है। होटलों में भी सभी सब्जियां जीरे से ही  छोंकी जाती हैं। तड़का दाल और जीरा राइस में जीरे का उपयोग  बहुतायत से होता है। जीरे की इस महंगाई की वजह से ज्यादातर होटल और ढाबे वालों ने अपने मीनू कार्ड में रेट तब्दील किए हैं।
     तड़के वाली दाल तो  हर किसी को पसंद होती है। घरों में प्याज, टमाटर,हरी मिर्च और जीरे के प्रयोग  से ऐसी दाल बनाई जाती है। टमाटर और जीरे के भावों पर तो मंहगाई हावी है ही हरी मिर्च का भाव  भी 200 रुपए किलो से ऊपर जा चुका है अभी कुछ भाव घटा  है फिर भी मिर्च 100 रुपए किलो के आसपास बिक रही है।
  तड़के में प्रयोग होने वाला प्याज भले ही 30- 35 रुपए  प्रति किलो  के भाव पर इन दिनों चल रहा हो मगर दाल के तड़के, सब्जियों तथा चाय में अदरक के प्रयोग के बगैर स्वाद ही नहीं आता,इसलिए अदरक अवश्य प्रयोग में लाया जाता है, उसका भी भाव पिछले डेढ़ – दो महीने से 200 रुपए किलो के आसपास है। 
  जरूरी खानपान की चीजों के भावों की इस ऊंचाई में गरीब क्या आम आदमी भी अपनी थाली में स्वाद परोसने में गुरेज कर रहा है, क्योंकि महंगाई ने उसकी जेब खाली कर दी है।
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*वेदव्रत गुप्ता
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