मेरे सपनों का हिंदुस्तान कैसा हो– राहुल
(मेरे सपनो का हिंदुस्तान)
जातपात से उठ के, मानवता के जहाँ स्थान हो
घूसखोरी और भ्रष्टाचारी, का न कोई निसान हो
मेरे सपनों के दुनिया में, मेरा ऐसा हिंदुस्तान हो
मिलजुल के सब रहे, आपस मे न लड़ाई हो
ऊंच नीच के भेद हटाके, सबके पूरी पढ़ाई हो
बेटा बेटी दोनो का, आजादी एक समान हो
मेरे सपनों के दुनिया में, मेरा ऐसा हिंदुस्तान हो
बड़े में मिठास रहे, औऱ छोटे में संस्कार हो
बहु को बेटी समझ, करती सासु प्यार हो
देश के जवान संगे, किसान का भी उत्थान हो
मेरे सपनों के दुनिया में, मेरा ऐसा हिंदुस्तान हो।।
लेखक : राहुल मिश्रा (जिला : वैशाली ) राज्य बिहार