महर्षि गोकर्ण की तपस्थली गोकना घाट का जल्द ही पर्यटन के रुप में विकसित किया जाएगा
उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने इसकी डीपीआर तैयार करा ली है। निगम 3 करोड़ की लागत से घाट का विस्तारीकरण व सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
माधव संदेश/ ब्यूरो चीफ जय सिंह यादव
रायबरेली ऊंचाहार। महर्षि गोकर्ण की तपस्थली गोकना घाट का जल्द ही पर्यटन के रुप में विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने इसकी डीपीआर तैयार करा ली है। निगम 3 करोड़ की लागत से घाट का विस्तारीकरण व सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। गौरतलब है कि गंगा के गोकना घाट का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व है। बताया जाता है कि यह स्थल महर्षि गोकर्ण ऋषि की तपस्थली रही है। यहां गंगा दक्षिण वाहिनी हैं। जिसका विशेष महत्व है। यहां कार्तिक पूर्णिमा व मौनी अमावस्या तथा माघी पूर्णिमा पर लाखों लोग गंगा में स्नान के लिए अमेठी, गौरीगंज, जायस, नसीराबाद, डीह, छतोह, परसदे पुर, सूची, सलोन, जगतपुर समेत सुल्तान पुर,प्रतापगढ़, फतेहपुर आदि से आते हैं। इस दौरान मेला का भी आयोजन होता है। यहां के श्मशान घाट पर पर रोजाना लोग शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। गोकना घाट का विकास विभिन्न राजनीतिक दलों का रहा है। अब पर्यटन विभाग ने गोकना घाट समेत जिले के आठ स्थलों के विकास की डीपीआर तैयार कराई है। इससे लोगों को घाट के पर्यटन के लिहाज से सर्वांगीण विकास की आस जगी है। मां गंगा गोकर्ण जनकल्याण सेवा समिति के महासचिव व घाट के प्रमुख तीर्थपुरोहित पं. जितेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि पर्यटन विकास निगम ने गोकर्ण ऋषि की तपोस्थली गोकना के सर्वांगीण विकास करने के लिए डीपीआर तैयार कराई है। जिसके लिए 3 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने बताया कि समिति अरसे से पर्यटन विभाग से गोकना घाट के विकास कराने की मांग कर रही थी। पर्यटन विभाग के इस निर्णय से क्षेत्रीय लोगों समेत तीर्थपुरोहित पं रमेश द्विवेदी, रामप्रकाश दीक्षित, ओमप्रकाश दीक्षित, दुर्योधन मिश्र,अर्पित द्विवेदी, राजेश द्विवेदी, अमित कुमार,आदित्य, मनोहर लाल, उमाकांत शुक्ला जवाहर लाल मिश्रा आदि ने खुशी जताई है।