बरसात और कीचड़ के चलते इस बार फीका रहा ‘ब्रह्माणी मैया’ का मेला

  *मेला दुकानदारों के यहां रहा सन्नाटा    *कुल मिलाकर 100 झंडे भी नही चढ़े

फ़ोटो:-गर्भ गृह में स्थित मां ब्रह्माणी देवी(इनसेट में), दर्शनार्थियों की लगी कतार, सड़क मार्ग पर भरा कीचड़।
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     जसवंतनगर (इटावा)। आषाढ़ी पूर्णिमा यानी ध्वजा बंदनीय पूर्णिमा के अवसर पर यहां यमुना के बीहड़ों में विराजमान देवी ब्रह्माणी के मंदिर पर सोमवार को श्रद्धालुओं की वह भीड़ नहीं जुटी, जो हर वर्ष  जुटती थी। इस बार मंदिर पर चढ़ने वाले झंडे भी 100 की संख्या पार नहीं कर सके, जबकि हर वर्ष सैकड़ों झंडे श्रद्धालु चढ़ाते थे।
         गुरु पूर्णिमा के दिन हजारों दर्शनार्थी  मंदिर पर आते थे, इस बार पिछले 4 दिनों से देवी ब्रह्माणी का मेला शुरू हुआ है, मगर कोई  भारी भीड़ किसी भी दिन नहीं जुटी। सोमवार को भी आराम से मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर श्रद्धालु दर्शन कर रहे थे।
   बलरई क्षेत्र स्थित  यमुना की तलहटी में स्थित प्राचीन ब्रह्माणी देवी मंदिर पर आषाढ़ी पूर्णिमा “गुरु पूर्णिमा” पर लगने वाला लक्खी मेला 29 जून से शुरू हुआ था। मंदिर पर आसपास के क्षेत्रों और राज्यों से  बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते रहे हैं।
पुजारी ने बताया कि हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु झंडों के जुलूस के साथ  यहां झंड़ा चढ़ाने के लिएआते थे। मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में प्रसाद और खेल-खिलौनों की दुकानें इस वजह से ही लगा करती थीं। 
    मंदिर के पास रहने वाले ही मोहन राजपूत पत्रकार ने बताया है कि इस बार बरसात ने सब चौपट कर दिया है। जिस दिन से मेला शुरू हुआ है, उस दिन से 3 दिन तक लगातार बरसात होने से पीहर पुरा की ओर से आने वाले रास्ते में दलदल के कारण कीचड़ भर गई है। जिससे उधर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या न के बराबर रह गई है, जबकि इसी रास्ते से मध्यपदेश और र अन्य राज्यों के श्रद्धालु मंदिर पर पहुंचते थे।  हालांकि बरसात थमी है और मंदिर के पुजारियों ने कीचड़ साफ कराने की कोशिश भी की, फिर भी दर्शनार्थियों और झंडे चढ़ाने वालों की भीड़ उतनी नहीं है, जितनी कि हर वर्ष  होती थी।
  ब्रह्माणी देवी मंदिर पर साल भर में 3 बार मेले का आयोजन होता है।जिसमें चैत्र नवरात्रि,आषाढ़ मास में गुरु पूर्णिमा एवं क्वार माह की नवरात्रि में यहां मेले का आयोजन होता है।
 गुरु पूर्णिमा के अवसर पर 5 दिन तक मेला लगता है। मनोकामना पूरी होने पर यहां बड़ी संख्या में कई राज्यों से भक्त झंडे चढ़ाने पहुंचते हैं।  बैंडबाजों के साथ और लेटकर परिक्रमा करते हुए मंदिर पहुंचते हैं।
लखेरे कुआँ से पीहर पुर होते हुए मंदिर पर आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।मानसूनी बारिश के कारण लखेरे कुआँ से पीहरपुर होते हुए ब्रह्माणी देवी मार्ग व बलरई जाखन गांव मार्ग बुरी तरह से कीचड़ युक्त  है, जिस कारण वहां से ब्रह्माणी देवी मंदिर दर्शन को आने वाले दर्शनार्थी कीचड़ में फंस गए।          बीहड़ी क्षेत्र होने के चलते यहां की सड़कों की बरसात के समय में दुर्दशा है।
        अषाढ़ी पूर्णिमा के मेले को लेकर  यहां उप जिलाधिकारी कौशल कुमार तथा सीओ अतुल प्रधान ने मेला शुरू होने से पहले ही दौरा किया था। मेले में जुटने वाली भीड़ को लेकर भारी पुलिस और पीएसी बल की व्यवस्था की थी। तहसीलदार प्रभात कुमार राय,नायब तहसीलदार अवनीश कुमार सिंह बलरई थाना प्रभारी निरीक्षक अल्मा अहिरवार  मेले की व्यवस्था संभालने में जुटे देखे गए।
*वेदव्रत गुप्ता

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