आर्थिक हालतों में इलाज न होने से मजबूर मेडीकल छात्र

ऊसराहार, इटावा! दोनों किडनी खराब होने से आर्थिक हालतों में इलाज न होने से मजबूर मेडीकल छात्र के लिए भले ही ग्राम पंचायत से लेकर सामाजिक संगठन प्रयासरत हैं लेकिन उसके हिस्से में आ रही दो बीघा भूमि के कारण अंत्योदय कार्ड नही बन पा रहा है, जिसके कारण आपूर्ति विभाग ने उसे आर्थिक रुप से अमीर की श्रेणी में रख दिया अब कलेजे के टुकड़े के इलाज में मदद के लिए प्रशासन की चौखट पर पिता बार बार दस्तक देकर इलाज करवाने की गुहार लगा रहा है।

विकास खंड ताखा के कठौतिया गांव निवासी रामगोपाल शाक्य के पुत्र आकाश शाक्य की दोनों किडनी खराब है। पिता ने अपने पुत्र को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था जहाँ इलाज का खर्चा लाखों में बताया गया। बीमार छात्र की मां ने अपने पुत्र को किडनी देने का फैसला किया है। चूंकि पिता पहले से ही गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उनके पास १०बीघा से कम खेती हैं चार बेटों के हिस्से को मिलाकर इतनी ही खेती है जिसका वह बटवारा घरेलू तौर पर कर चुके हैं ऐसे में पुत्र के नाम पर मात्र दो बीघा भूमि हैं। अब पिता के सामने संकट यह है कि अगर वह भूमि बिक्री कर दे रहे हैं तो आय का कोई साधन नहीं है। ग्राम समाज ने इसके लिए पंचायत में प्रस्ताव बनाकर अंत्योदय कार्ड बनवाने के लिए पूर्ति विभाग के पास भेज दिया लेकिन पूर्ति विभाग ने रामगोपाल को अमीर की श्रेणी में बता दिया है। चूंकि गरीब लोगों का इलाज एम्स में फ्री हो सकता था परंतु नियमों के आड़ में बीमार छात्र का इलाज नही हो पा रहा है इस सम्बन्ध में पीड़ित छात्र के पिता रामगोपाल का कहना है कि उनको कमर की हड्डी में परेशानी है अब पुत्र भी जीवन मरण से संघर्ष कर रहा है उसने इलाज में मदद के लिए जिलाधिकारी से लेकर स्थानीय विधायक से गुहार लगाई है परंतु अभी तक उसकी कोई मदद नही हो पा रही है वहीं इस सम्बन्ध में पूर्ति निरीक्षक शैलेन्द्र सिंह सागर का कहना है कि बीमार छात्र के पिता के नाम नौ बीघा भूमि दर्ज है ऐसे में उसका अंत्योदय कार्ड बनाया जाना संभव नहीं है।

बीमार पुत्र के इलाज में आर्थिक रुप से मदद न मिल पाने से पीड़ित की मां का पुत्र की वेदना में रो रोकर बुरा हाल बना हुआ है, उनका कहना है कि सभी नाते रिश्तेदारों से कर्जा लेकर पुत्र का इलाज हो रहा है घर में भी जो भी जमा पूंजी और जेबरात थे उनको बेचकर पुत्र के इलाज में लगाया जा चुका है। वह अपने कलेजे को टुकड़े को तडपता देखकर आंसूओं को रोक नही पा रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुत्र के इलाज के लिए गुहार लगाई है!

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