डिजिटल ‘स्मार्ट’ तकनीक से जैन धर्म का गूढ़ ज्ञान सीख रहे हैं, जसवन्तनगर के बच्चे
* शिविर में पांचवे दिन रही विविध वेशभूषा की धूम * बारिश में भी उमड़ रही है जैन श्रद्धालुओं की भीड़

फोटो:- पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे “जैन धर्म शिक्षण शिविर” में अध्ययन करते बच्चे, कक्षा लेते शास्त्री गण एक बच्चे को समझाती एक प्रशिक्षिका।
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जसवंतनगर(इटावा)। यहां के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 8 दिवसीय “जैन -संस्कार प्रशिक्षण शिविर” में स्मार्ट और डिजिटल तकनीक से जैन नौनिहालों और किशोरों को जैन धर्म के संस्कारों को बाहर से पधारे जैन विद्वानों द्वारा बताया और सिखाया जा रहा है।
स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर व अन्य तकनीकी संसाधनों से स्मार्ट क्लासेस समेत विभिन्न वर्गों की क्लास को आयोजित किया जा रहा है। स्वाध्याय और सामूहिक क्लास भी सरलता के साथ आयोजित हो रहे हैं, जिससे करीब डेढ़ सौ से ज्यादा प्रशिक्षणार्थी बच्चे काफी प्रसन्नचित्त और उत्साहित हैं।
शिशु, बालबोध, किशोर, प्रौढ़ आदि कक्षाओं को पी, प्रौढ़ आदि कक्षाओं को उत्सव शास्त्री, हर्षित शास्त्री, अक्षय शास्त्री तथा स्वाध्याय कक्षा को अच्युतकांत शास्त्री सरल व सहज भाषा में ले रहे हैं।जिससे बच्चों को धर्म का मर्म समझने सीखने में आसानी हो रही है। विभिन्न प्रयोगों से कक्षाएं और भी ज्यादा रुचिकर बन गई हैं।
स्वाध्याय में अच्युत कांत शास्त्री द्वारा आचार्य कुंदकुंद द्वारा रचित समयसार व पंडित टोडरमल द्वारा रचित मोक्ष मार्ग प्रकाशक जैसे जैन ग्रंथों से जैन धर्म के सिद्धांत बताए गए। इष्ट-अनिष्ट सिद्धांतों पर उन्होंने बताया कि हम अपनी सोच अनुसार प्रत्येक वस्तु को इष्ट-अनिष्ट समझते हैं जबकि वही वस्तु अच्छे समय में अच्छी लगती है और बुरे समय में खराब। वस्तु एक ही है ,लेकिन हम अपनी मान्यता से उसे बुरी या अच्छी समझने लगते हैं।
मंगलवार शाम को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में छोटे बच्चों ने विभिन्न पौराणिक महापुरुषों की वेशभूषा प्रदर्शित करते उनके जीवन में घटित घटनाओं को प्रदर्शित किया। सीता, लक्ष्मण, दौलत राम, रजुल-नेमी, आर्यका माता जी, समंद्रभद्राचार्य, सीमंधर कुमार,अकलंक ,निकलंक आदि अनेक मनमोहक जैन चरित्र प्रस्तुत किए, जिसे देखकर लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
शिविर के प्रभारी आराध्य जैन व निकेतन जैन ने बताया स्मार्ट क्लास की कक्षाओं को बच्चे बहुत पसंद कर रहे हैं। प्रतिदिन सभी कक्षाओं व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे। गर्मी के चलते आयोजक मंडल ने बच्चों की सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान रखा है। प्रतिदिन प्रशिक्षणार्थी बच्चों की संख्या बढ़ रही है।
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*वेदव्रत गुप्ता