पर्यावरण जागरूकता के लिए की झील की सफाई,वृक्षारोपण और गोष्ठी*  

*पर्यावरण जागरूकता के लिए की झील की सफाई,वृक्षारोपण और गोष्ठी*

*इटावा। विश्व पर्यावरण दिवस 2023 के अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग एवं सोसायटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के संयुक्त तत्वाधान में सरसई नावर झील से सफाई अभियान से शुरुआत हुयी, जागरूकता गोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन रेंज भरथना,बढ़पुरा,चकरनगर,पक्षी व्याख्यान केंद्र सरसई नावर,पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजा का बाग, विक्रमपुर,चकरनगर रेंज परिसर, आदि में किया गया।*

 

*प्रभागीय निदेशक अतुल कांत शुक्ला ने कहा कि पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्वपूर्ण है जिसमें पूरा विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का रास्ता निकालता हैं। लोगों में पर्यावरण जागरूकता के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है।इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना और दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है।*

 

*स्कॉन महासचिव डॉ.राजीव चौहान ने बताया कि इस बार की थीम सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति है प्लास्टिक को अपघटित होने में कई वर्ष लग जाते हैं इसलिए यह पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया है। यदि प्लास्टिक को जलाकर नष्ट करते हैं तब यह भारी मात्रा में विषैली गैसों को उत्सर्जित कर पर्यावरण को प्रदूषित करता है।इसलिए इसका प्रयोग कम से कम कर वातावरण को बचाने में अपना सहयोग करें।*

 

*समाजसेवी हरिहरनाथ वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि प्लास्टिक मुक्त नदियां एवं जैव विविधता संरक्षण पर एक विशेष जागरूकता अभियान पूरे वर्ष के लिए प्रारंभ किया गया है इसके अंतर्गत नदियों के किनारे स्थित धार्मिक स्थलों के पुजारी एवं महंताें के माध्यम से प्लास्टिक प्रयोग ना करने एवं जैव विविधता संरक्षण का संदेश आम जनों में प्रसारित किया जाएगा साथ ही मंदिरों में प्लास्टिक पॉलीथिन का प्रयोग ना करने का माहौल तैयार किया जाएगा।*

 

*उप प्रभागीय वनाधिकारी संजय सिंह ने अपने उद्बोधन में अपील कि सभी लोगों को वातावरण संतुलन के लिए वृक्षारोपण करना चाहिए।*

 

*स्कॉन सचिव वन्यजीव विशेषज्ञ संजीव चौहान,वन क्षेत्राधिकारी भरथना अरविंद कुमार क्षेत्राधिकारी चकरनगर शिव कुमार,क्षेत्राधिकारी बढ़पुरा पी.पी.सिंह,उपक्षेत्राधिकारी शिव प्रसाद व प्रधानाचार्य सुल्तान उमर खां वारसी ने अपने विचार व्यक्त किए।*

 

*कार्यक्रम को सफल बनाने में वन दरोगा ताबिश अहमद,सूर्यकांत शुक्ला,सुनील कुमार,रविंद्र मिश्रा, अनिल चौहान,अमरेश एवं राजपाल का उल्लेखनीय योगदान रहा।*

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