*दैनिक आज की खबर का असर* सिरसा नदी पुल का “गड्ढा” पालिका अध्यक्ष ने शपथ लेने से पूर्व दुरुस्त कराया

*गड्ढे के चलते हो रही थी दुर्घटनाएं *पुल धसक सकता था

फोटो :- सिरसा नदी के पुल के गड्ढे को खुद ठीक कर आते नए पालिका अध्यक्ष सत्यनारायण संखवार कथा 2 मई को दैनिक आग में छपी खबर की कटिंग
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जसवन्तनगर(इटावा)।नगर के मुख्य बाजार से जसवंतनागर के आधे से ज्यादा कस्बा तथा यमुना के किनारे बसे गांवों को जोड़ने वाले सिरसा नदी के पुल पर बने गड्ढे की मरम्मत का कार्य मंगलवार रात्रि को शुरू  करके।नगरपालिका कर्मियों ने गड्ढा दुरुस्त कर दिया।
बताते चले बीते दिनों में “आज” समाचार पत्र तथा कई पोर्टल्स और ‘ जसवंत नगर टाइम्स’ ग्रुप में इस गड्ढे की खबर प्रमुख रूप से प्रकाशित हुई थी। खबर के बाद जिम्मेदार संस्था पीडब्ल्यूडी ने तो कोई ध्यान ही नहीं दिया ।
  मगर नगर पालिका जसवंत नगर के जिम्मेदारों विशेषकर नवनिर्वाचित पालिका अध्यक्ष सत्यनारायण शंखवार उर्फ पुद्दल ने इस का संज्ञान लिया और पुल पर बने गड्ढे की मरम्मत का कार्य शुरू कराया।
  पुल के बीचो बीच कंक्रीट उखड़ कर उससे लोहे की लभियों का जाल उभर आया था, जोकि जानलेवा बन गया था।  इन नुकीली लभियों में उलझ कर कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए थे और साइकिलाे से स्कूल जाने वाले कई बच्चे भी घायल हो गए थे।
 अब जबकि इस पुल की रात में मरम्मत हो गई है, न सिर्फ बाजार आने जाने वाले लोगों ,बल्कि स्कूली  छात्रों व शिक्षकों ने भी राहत की सांस ली है।
   बताया गया है कि नवनिर्वाचित पालिकाध्यक्ष ‘पुद्दल’, जिन्होंने अभी शपथ नहीं ली है  इस कार्य के लिए अपने पास से धन मुहैया कराकर पालिका के सफाई इंचार्ज राम सिया को काम पर लगाया, जिन्होंने करीब एक दर्जन मजदूरों और लभियायों को ठीक करने वाली मशीन से कटिंग करके करीब 3 घंटे में  फुल की मरम्मत कराई। अब उस पर भरपूर और ठीक औसत का कंक्रीट सीमेंट डालकर मरम्मत की गई है। उम्मीद है कि अब जल्दी पुल पर इस तरह का गड्ढा नहीं बनेगा।
  हो रहे गड्ढेकी वजह से ऐसा लग रहा था कि पुल धसक रहा है। गड्डा  दिनों दिन बिकराल रूप ले रहा था। आम जनता ने मरम्मत की मांग उठाने के साथ साथ 3 महीने पूर्व  खुद ही उसकी मरम्मत कराई थी, मगर वह मरम्मत टिक नहीं सकी।
बीती रात गड्ढे की मरम्मत दौरान पांचवी बार सभाषद बने राजीव यादव.भी मौके पर पहुंचे।    सफाई इंचार्ज रामसिया,विकास बाल्मिकी ने बताया है कि अभी दो तीन दिन मरम्मत की जगह को पक्का होने में लगेगा, उसके बाद उम्मीद है की अब गड्ढा फिर से नहीं बनेगा।
*वेदव्रत गुप्ता

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