टोक्यो ओलंपिक: क्वार्टरफाइनल में हारे बॉक्सर सतीश कुमार, जीत लिया रणदीप हुड्डा का दिल

बॉक्सर सतीश कुमार रविवार को भले ही मेंस सुपरहैवीवेट क्वार्टरफाइनल में हार गए हों, लेकिन उन्होंने दुनियाभर के खिलाड़ियों का दिल जीत लिया। अपनी फाइटिंग स्पिरिट से जग जीतने वाले सतीश कुमार आंख के पास टांके लगने के बावजूद योद्धा की तरह लड़ते रहे।

सतीश कुमार उस समय नहीं जानते थे कि बॉक्सिंग क्या होती है, हां लेकिन उन्होंने यह जरूर सुना था कि बॉक्सिंग WWE की तरह होती है, अंडरटेकर और जॉन सीना के बारे में सुना था।

कोच के समझाने पर सतीश ने बॉक्सिंग करने का फैसला किया था। कोचों ने उनकी ऊंचाई के आधार पर उन्हें चुना था और और उस दिन से उन्होंने बॉक्सिंग करना शुरू किया था।

आईपीएस पंकज नैन ने ट्वीट किया, ओह एक चट्टान की तरह! आखिरी लड़ाई में चोट लगने के कारण उन्होंने चेहरे पर कई टांके लगाकर रिंग में प्रवेश किया। फिर भी विश्व नंबर एक के खिलाफ एक चैंपियन की तरह लड़े। जीत या हार चैंपियन तय नहीं करती- इच्छा और दृढ़ संकल्प करते हैं।

सतीश कुमार (Satish Kumar Wife) की शादी सविता कुमार से हुई है और उनके 2 बच्चे हैं।एक के बाद एक मुक्के खाने के बावजूद सतीश पूरे गेम तक जबर्दस्त तरीके से लड़ते रहे, अंतत: उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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