जसवंतनगर में नाक में दम बन रहा अध्यक्ष पद का निर्दलीय प्रत्याशी  

        *धनाढ्य नेता का पीठ पर हाथ

फोटो: रात दिन अपने द्वारा खड़े किए गए प्रत्याशी के प्रचार में जुटे भागीरथ यादव, इनसेट में प्रत्याशी
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जसवंतनगर(इटावा)।यहां चल रहे पालिका अध्यक्ष के चुनाव में विद्युत विभाग के एक लाइन मैन ने निर्दलीय रूप से मैदान में उतर कर विभिन्न दलों के प्रत्याशियों के माथे पर पसीने ला दिए हैं।

   जसवंतनगर में पालिका अध्यक्ष की सीट इस बार  भी पुनः अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई है, इससे चुनाव की सालों से तैयारी कर रहे, कुछ बड़े दावेदारों के चुनाव लड़ने के मंसूबे ध्वस्त हो गए। इस कारण ऐसे दावेदार चुनाव में खुद तो मैदान में नहीं उतर सके है, मगर उन्होंने शतरंज की गोट बिछाकर विभिन्न दलों के प्रत्याशियों के लिए खतरे की घंटी बजाई है।
     अहीर टोला निवासी और नगर के धनाढ्य दबंग नेता भागीरथ यादव उर्फ करू पालिका अध्यक्ष चुनाव लड़ने के प्रबल दावेदार थे। वह करीब 2 वर्षों से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। इस तैयारी में उन्होंने लाखों रुपए पानी की तरह बहाते हुए कई मोहल्लों में  समर्थकों की मजबूत दीवार खड़ा की थी।           2017 के चुनाव में भी उन्होंने क्षेत्रीय विधायक शिवपाल सिंह यादव का समर्थन दिलवाकर अपने खासम खास “सुनील जोली” को पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर पहुंचाया था, हालांकि बाद में दोनों के बीच गंभीर मतभेद हो गए थे।
    वैसे करू खुद चुनाव समाजवादी पार्टी से लड़ने के दावेदार थे।सीट आरक्षित होने के बाद  वह चाहते थे कि उनका पसंदीदा उम्मीदवार ही पार्टी मैदान में उतारे, ताकि अपरोक्ष रूप में उनका ही नगरपालिका पर कब्जा रहे, मगर पार्टी ने ऐसा नहीं किया। 2017 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे सत्यनारायण संखवार को पार्टी की टिकट देकर इस बार मैदान में उतारा है, जो करू को गवारा नहीं हुआ है।अतः उन्होंने बिजली विभाग के एक संविदा कर्मी लाइनमैन प्रमोद कुमार उर्फ पप्पू को मैदान में निर्दलीय उतारकर न केवल समाजवादी पार्टी को चुनौती दी है, बल्कि भाजपा, बसपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के सामने बड़ा संकट पैदा कर दिया है।     हालांकि प्रमोद कुमार की अपनी  माली हालत कोई अच्छी नहीं है, न न ही उनका अपना कोई जनाधार ही है। मगर वह अपने आका की दम पर इन दिनों जोरदार प्रचार अभियान गली-गली चला रहे हैं।           उनके साथ यादवों, मुसलमानों कि जिस तरह से भीड़ देखी जा रही है और जिस मारक तरह का उनका प्रचार है, उससे चुनाव  समीक्षकों को इस निर्दलीय प्रत्याशी को गंभीर प्रत्याशी के रूप में आकलन करना पड़ रहा है। नगर में यादवों और मुसलमानों का कुल 28000 में करीब 12000 वोट है तथा जाटव बिरादरी के, जिसके स्वयं प्रमोद कुमार हैं, काफी वोट हैं, इसलिए यह संभावना है कि प्रमोद कुमार चुनाव में अच्छी भिड़ंत लेंगे। खुद भागीरथ करू का कहना है कि उनका अपना प्रत्याशी ही चुनाव जीतेगा।
*वेदव्रत गुप्ता
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