जसवंतनगर में लगने वाले “जाम” के हालात बद से बदतर, प्रशासन मौन
*ऑटो ई-रिक्शा ने हालत और बिगाड़ी *उनकी छुट्टियों के दौरान होती है स्थिति खराब
फोटो:- जसवंत नगर की सड़कों पर दोपहर में लगा जाम। जाम के दौरान ऑटो और ई रिक्शा की लगी लंबी लाइन
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जसवन्तनगर(इटावा)।नगर में हर वक्त लगने वाला जाम, लोगों के लिए बबाले जान बन गया है। कई वर्षों से जाम की समस्या एक प्रमुख समस्या बनी हुई है।
इसका निदान करने के लिए पालिका प्रशासन तथा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने आज तक कोई भी पहल नहीं की है। नतीजा यह है कि यहां के हाइवे बस स्टैंड चौराहे से लेकर नदी पुल तक दिन में कई- कई बार जाम के हालात पैदा होते हैं।
कभी-कभी जाम में फंसे लोगों को बाहर निकलने में घंटों तक लग जाते है। दोपहर में स्कूलों की छुट्टी के वक्त हालत तो इतनी बदतर होती है कि बच्चे घंटों तेज धूप में बिलबिलाते हैं ,फिर भी जाम से निपटने के लिए कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है, जाम में फंसे लोग व्यवस्था को कोसते रहते हैं।
जसवंतनगर का बाजार क्षेत्र का प्रमुख बाजार होने के कारण यहा हर रोज हजारों लोगों का आना-जाना रहता है। बाजार के पास ब्लाक मुख्यालय, थाना परिसर व तहसील मुख्यालय होने के कारण लोगों को हर रोज भीड़ का हिस्सा बनना पड़ता है। भारतीय स्टेट बैंक, पूर्वांचल बैंक, सेंट्रल बैंक,एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, आदि के पास पार्किंग के लिए जगह न होने के कारण बैंक से संबंधित कार्य सेआ रहे लोगों को अपना दो पहिया व चार पहिया वाहन सड़कों के किनारे ही खड़ा करना पड़ता है, जो जाम को बढ़ाने में सहायक बनते है।
इसी प्रकार नगर के छोटे चौराहे से लेकर लधपुरा तिराहे तक दुकानदारों द्वारा सड़क के हिस्से पर ही दुकान लगाई जाती है। दर्जनों ठेले और और खोमचे वाले सड़क किनारे खड़े होकर अलग हालत बिगाडते हैं ,जिससे जाम लगने का सिलसिला नहीं रुक पाता और न ही निर्वाध यातायात वहाल हो पाता है। यहां आ रहे बड़े वाहनों के लिए बाजार में घुसने का प्रतिबंध होने से बाजार की तरफ आ रहे बड़े वाहन हाइवे या सड़क पर ही खड़े हो जाते हैं, जिससे लोगों को आवागमन में और भी दिक्कतें खड़ी होती हैं।
गर्मी के दिनों में जाम का सबसे अधिक दुष्परिणाम विद्यालय जा रहे छात्र-छात्राओं व मरीजों को भुगतना पड़ता है। जाम के झाम से बढ़ रही मुश्किलों को दूर करने में प्रशासन की उदासीनता पर हर कोई प्रश्नचन्ह उठाता है , फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, जबकि थाना परिसर में आए दिन होने वाली पीस कमेटियों की बैठक में जाम की समस्या जोर शोर से उठाई जाती है, फिर भी अफसरों के कानों पर जूं नहीं रेंगती।
नगर में सबसे ज्यादा जाम की स्थिति इधर कुछ महीनों से ऑटो तथा ई-रिक्शा वालों ने कर दी है जिनकी संख्या नगर में अब 400 से अधिक हो गई है। बाजार में सबसे बड़ी समस्या का कारण यह बन गए हैं तथा इनके द्वारा हाइवे चौराहा, नदी पुल इलाके में अवैध स्टैंड बना लिए गए हैं, जो सड़कों पर यातायात के सबसे बड़े खरदूषण बन गए हैं।
पालिका टैक्स अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा का कहना है अभी पालिका के चुनाव होने वाले हैं इसके बाद समस्या का निदान करने के लिए उपाय किया जाएगा ।
*वेदव्रत गुप्ता