भागवत कथा में भगवान कृष्ण की बाल लीला का वर्णन

धर्म के रास्ते पर चलने बालो की बाधाएं प्रभु स्वयं दूर कर देते हैं - आचार्य रजत तिवारी 

फोटो-प्रवचन करते आचार्य रजत तिवारी

अजीतमल/ औरैया – योगेंद्र गुप्ता। कस्बे के मौहल्ला आजादनगर में शीतला माता मन्दिर पर चल रही श्रीमद भागवत साप्ताहिक ज्ञानयज्ञ में पांचवे दिन कथा आचार्य रजत तिवारी द्वारा भगवान कृष्ण की बाल लीला की कथा का वर्णन किया गया। आचार्य ने कथा में व्याख्यान करते हुए कहा कि व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर समाज सेवा में आगे आना चाहिए। मानव जब इस संसार में आता हैं और रोग, शोक, वृद्धापन और मृत्यु इन्हीं चार व्याधियों को पार कर इस मायारूपी संसार से विदा लेता है। वर्तमान में मनुष्य सांसारिक बंधन में जितना बंधता जाता है उतना ही पाप के नजदीक पहुंचेगा। इसलिए सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाओ तभी जीवन रूपी नैय्या पार होगी। आज के दौर में परेशानी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। इससे समाज में खींचतान, स्वार्थ, लोभ, दुख. पतन, विकृतियों का अम्बार लगा हुआ है। उन्होने कृष्ण की बाल लीलाओ को मनमोहक वर्णन किया जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये। उन्होने रूकमणी विवाह का प्रसंग सुनाते हुये कहा कि श्रीकृष्ण के प्रेम, त्याग और समर्पण के कई किस्से बचपन से सुनते आ रहे हैं. श्रीकृष्ण और राधा एक दूसरे से प्रेम करते थे, परंतु श्रीकृष्ण का विवाह रुक्मणी से हुआ था. कहते हैं राधा कृष्ण के बीच आध्यात्मिक प्रेम था, इसलिए उन्होंने विवाह नहीं किया. राधा से बिछड़ने से लेकर श्रीकृष्ण और रुक्मणी विवाह की कई कथाएं प्रचलित हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब श्रीकृष्ण और रुक्मणी को भी बिछड़ना पड़ा था, आचार्य ने वर्तमान समाज में फैली कुरीतियों, बुराइयों को अपने जीवन से दूर रखने की अपील करते हुए कहां कि व्यक्ति धर्म के रास्ते पर चलकर अपनी मंजिल सुगमता से हासिल कर लेता हैं। कथा में परीक्षित राज रानी गुप्ता ने भगवान की आरती कर भोग लगाया वही कथा की व्यवस्था में ओम प्रकाश गुप्ता, श्री प्रकाश, वेदप्रकाश , भानु गुप्ता, अशोक कुमार ,आलोक गुप्ता ,सुबोध कुमार आदि सहयोग कर रहे हैं।।

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