क्रय विक्रय जसवंतनगर पर सपा का कब्जा, “डॉ भुवनेश यादव” दोबारा  बने निर्विरोध सभापति 

 * समिति के सभी सदस्य निर्विरोध चुने गए

फोटो:- सभापति चुने गए डॉक्टर भुवनेश यादव को प्रमाण पत्र देते निर्वाचन निर्वाचन अधिकारी तथा फूलों से ला दिए गए डॉ
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जसवंतनगर(इटावा)।सहकारी क्रय विक्रय समिति जसवंतनगर की प्रबंध समित पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी समर्थकों का कब्जा हो गया। संचालकों के चुनाव में सभी सपा समर्थक सदस्य न केवल निर्विरोध निर्वाचित हुए,बल्कि सभापति(अध्यक्ष) के रूप में डॉक्टर भुवनेश यादव तथा उप सभापति(उपाध्यक्ष) बारेलाल वघेल को भी निर्विरोध चुन लिया गया।
    डॉक्टर भुवनेश यादव ,जो कि पूर्व ब्लाक प्रमुख रहे बृजेश यादव के पुत्र और अनुज मोंटी यादव के भाई हैं ,पिछले बार भी इस समिति के निर्विरोध सभापति बने थे।
    यहां11सदस्यों के लिए एक-एक नामांकन दाखिल हुआ था।निर्वाचन अधिकारी देवानंद लाल ने उनके नामांकन की जांच पड़ताल के बाद आज ही सभी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया था।
       निर्वाचनअधिकारी ने बताया कि ग्राम धनुवा से रघुवीर सिंह, ग्राम डुढ़पूरा से रणवीर सिंह, जसवंतनागर से ग्राम जगोरा के डॉक्टर भुवनेश यादव तथा बलरई से जुगौरा के ही अनुज मोंटी यादव, ग्राम जसोहन से सरला देवी, ग्राम कोरारी खेडा से छोटे लाल, ग्राम भारद्वाज पुरा से बारे लाल, नगला सेवाराम से मंजू देवी, भाऊपुरा सैफई से कुशमा देवी, नगला अर्जुन से गोविंद सिंह, सैफई से इंद्रजीत निर्विरोध निर्वाचित चुने गए। बताया गया कि एक नामित सदस्य महेश गुप्ता भी इस समिति के सदस्य बने हैं।
      इसके बाद सभापति और उपसभापति का चुनाव इन्ही सदस्यों ने किया और सर्वसम्मति से डॉक्टर भुवनेश यादव को सभापति तथा बारेलाल को उपसभापति निर्विरोध चुना।
   जसवंतनगर क्रय विक्रय सहकारी लिमिटेड के संचालक मंडल के चुनाव की कार्यवाही को लेकर गुरुवार सवेरे से ही उत्साह था, क्योंकि सभी का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था। समाजवादी पार्टी के समर्थक और नेता प्रवृति पर पहुंच गए थे।
    इस अवसर पर पूर्व ब्लाक अध्यक्ष ड़ा. बृजेश चंद्र यादव, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष महावीर सिंह यादव, विधायक प्रतिनिधि अनुज मोंटी यादव, राहुल गुप्ता, विनोद यादव, शिवप्रकाश डीलर, राजीव यादव, अरविंद यादव ,अशोक यादव, ऋषिकांत चौबे सहित कई सदस्यों ने निर्वाचित पदाधिकारियों खासतौर से युवा सभापति डॉ भुवनेश यादव को फूल मालाओं से लाद दिया।
*वेदव्रत गुप्ता
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