श्री शिव महापुराण कथा आयोजन,चौथे दिन व्यास ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया, पंडाल में झूम उठे स्रोता

रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता 

फफूंद,औरैया। नगर में स्थित मुरादगंज तिराहे पर श्री भोले बाबा मंदिर परिसर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन हो रहा है। कथा के चौथे दिन कथा बाचक पं०प्रदीप मिश्रा जी ने शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। इस दौरान कथा पांडाल में उपस्थित भक्तजन झूम उठे।शिव-पार्वती विवाह प्रसंग में महाराज ने बताया कि जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। कहा कि शिव की शादी बहुत ही भव्य एवं विचित्र थी। इससे पहले ऐसी शादी कभी नहीं हुई थी। शिव दुनिया के सबसे तेजस्वी देव थे। शिव एवं पार्वती एक दूसरे को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, साथ ही असुर भूत प्रेत पिशाच भी बाराती बनकर पहुंचे थे।महाराज ने बताया कि जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे। जहां असुर जाते थे, वहां देवता नहीं जाते थे। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं। इसलिए सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव जंतु महादेव के विवाह में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे। उनकी आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी। मगर यह तो शिव का विवाह था, इसलिए उन्होंने अपने सारे झगड़े भुलाकर एक बार एक साथ आने का मन बनाया।

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