जैन साधर्मियो ने मनाया धूप दशमी पर्व, सुगंध से महकें जिनालय

संयम धर्म के प्रति एक सूत्र में बांधती है धूप दशमी-आकाशदीप

 

इटावा। जैन धर्म में भाद्रपद शुक्ल दशमी को सुगंध दशमी का पर्व मनाया जाता है इस वर्ष गुरुवार को धूप दशमी पर्व जिसे सुगंध दशमी भी कहा जाता है वारिश की फुहारों के बीच जिनालयों में जैन अनुयायियो ने मनाया। विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष आकाशदीप जैन बेटू ने बताया कि सुगंध दशमी व्रत का दिगंबर जैन धर्म में काफी महत्व है विशेष रूप से जैन महिलाएं हर वर्ष इस व्रत को करती हैं धूप दशमी व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के सारे अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्य तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। जैन साधर्मियो ने सुगंध दशमी व्रत कथा पढ़ने के साथ-साथ सभी जैन मंदिरों में 24 तीर्थंकरों, पुराने शास्त्रों तथा जिनवाणी के सम्मुख चंदन, लौंग की धूप अग्नि को अर्पित करके धूप खेवन पर्व मनाया। शहर से दो किलोमीटर दूर प्राचीन श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर नशिया जी पर उत्तम संयम धर्म के साथ ही धूप दशमी पर्व मनाया गया। नगर के लालपुरा जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे इटावा गौरव आचार्य प्रमुख सागर महाराज जी ने धूप दशमी पर विशेष प्रवचन करते हुये कहा सुगंध दशमी के दिन हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह इन पांच पापों के त्‍याग रूप व्रत को धारण करते हुए चारों प्रकार के आहार का त्‍याग, मंदिर में जाकर भगवान की पूजा, स्‍वाध्‍याय, धर्मचिंतन-श्रवण, सामयिक आदि में अपना समय व्‍यतीत करना चाहिये, वही नगर के बरहीपुरा, पंसारी टोला, करनपुरा, नशिया जी, डाडा, छपैटी, सराय शेख, चौगुर्जी, नया शहर, कटरा स्थित जैन मंदिरों में महिलाओं, बच्चो सहित पुरुषों ने सुगंध दशमी पर जिनालयों में धूप खेई और साथ ही विश्व को कोरोना, डेंगू जैसी महामारी से बचाने की प्रार्थना कर उत्तम संयम धर्म की पूजा कर उपवास किया।

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