एक कमरे में चल रहा राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल
लोग बोले- नई बिल्डिंग बनकर तैयार, लेकिन स्थानीय लोगों को नहीं मिल रही स्वास्थ्य सेवा
रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता
सहायल,औरैया। जनपद के सहायल के बेल्हूपुर गांव में लाखों कीमत से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की बिल्डिंग तैयार खड़ी है। जो महज शो-पीस बनकर रह गई है और अस्पताल में ताला लगा रहता है। अस्पताल अभी भी एक कमरे के जर्जर भवन में चल रहा है। आस पास गांव के तमाम ग्रामीण बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।बेल्हूपुर निवासी समाजसेवी और शिक्षाविद रहे लाल अवस्थी ने आस पास के गांवों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय निर्माण को अपनी जमीन दान में दी थी।
जमीन दान देने के बावजूद भी मशक्कत के बाद यहां चिकित्सालय का निर्माण हो सका। अब बिल्डिंग बनकर खड़ी है, लेकिन उसमें ताला ही जड़ा रहता है। जिससे बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने की आश लगाए ग्रामीणों को निराशा ही हाथ लगी है। ठेकेदार ने बाउन्ड्री तक नहीं बनाई है। राजकीय चिकित्सालय एक जर्जर कमरे में चल रहा है। जहां ग्रामीण जाने में भी कतराते हैं। सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है और ग्रामीण भी इलाज के लिए परेशान है। सहायल इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बहुत खस्ता है।लहरापुर निवासी श्यामू सिंह राजावत बताते हैं कि नई बिल्डिंग बनने से अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की आशा थी व पूरी नही हो सकी है। उन्होंने डीएम से नए भवन में अस्पताल संचालित करने की मांग की है। गांव के ही पूर्व प्रधान राजा तिवारी ने बताया कि यह बिल्डिंग सफेद हाथी साबित हो रही है। जर्जर भवन में जाने से लोग कतराते हैं। नए भवन में अस्पताल शुरू हो तो कई गांव के लोगों को लाभ मिलेगा।क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ.लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि बिल्डिंग की तकनीकी जांच होनी है। इसके बाद बिल्डिंग हैंड-ओवर होगी। वह प्रयास करेंगे कि जल्द से जल्द नए भवन में अस्पताल संचालित हो और लोगों को इसका लाभ मिल सके।