मौत के मुंह में चले गए दो सगे भाइयों की बहनों का रो रो कर बुरा हाल

*कौन अब राखी बंधाएगा.? किसके टीका करूंगी? *जौनई गांव में चूल्हे नहीं जले

फोटो: रोती बिलखती बहने और परिजन

जसवन्तनगर(इटावा)। हे भगवान तुमने बहुत बुरा किया, अब मैं किसकी कलाई में राखी बांधूंगी और किसके माथे पर दूध पट्टी का करूंगी?

यह बात वह बहनें रो-रो कर कह रही थी, जिन्होंने उनके परिवार के उन दो भाइयों को दुर्घटना में खो दिया। यही दो भाई पूरे परिवार में उनके थे। बहनों को ढाढस बांधने वाले लोग भी उनका करुण क्रंदन सुन रो पड़ रहे थे। गमगीन जुटी भीड़ और सब तरफ रोना पीटना पड़ा था।

यह मातम भरा नजारा क्षेत्र के ग्राम जोनई में मंगलवार रात से पसरा हुआ था।

इस गांव के रहने वाले दो सगे भाइयों को देर शाम सड़क दुर्घटना में ईश्वर ने जवानी की उम्र में ही छीन लिया था।घटना के बाद से गांव के किसी घर में चूल्हे नहीं सुलगे।परिजन तो रोते। रोते अचेत हो रहे थे।

दो भाइयों में मृतक विक्रम 22 वर्षीय जो मजदूरी करता था। दूसरा भाई विशाल जो कक्षा 12 का छात्र था। अज्ञात वाहन की चपेट में आकर इन दोनो की दर्दनाक मृत्यु हो गई थी। जब दोनों की विवाहिता बहने पूनम जो सबसे बड़ी है ,उसकी शादी छिबरामऊ जिला फारूखाबाद तथा दूसरी बहिन प्रिया जिसकी शादी बाह जिला आगरा में हुई है ।जैसे ही खबर सुन रोती – बिलखती देर रात जौनई अपने घर पहुची। परिजनों से लिपटकर बुरी तरह रो रो कर चिल्ला रही थीं कि अव हम किसके टीका करेंगे ? मेरे दोनो दोनो भाई त्योहार पर हमेशा हमारे घर पहुंचते थे । मृतकों की तीसरी बहिन रिया घर ही रहती है। पिता राजेश के पास मात्र 3 बीघा जमीन है।

दोनों भाई अपने पिता के साथ हाथ बटाकर परिवार का पालन पोषण करते थे वह दोनों भी अब दुनिया मे नही रहे।

मौत के मुंह चले गए दोनों भाइयों के पिता राजेश कश्यप के तीन भाइयों में रामदीन कश्यप की निसंतान ही मौत हो गई थी ,जबकि एक भाई मुन्नालाल के कोई संतान नहीं है। राजेश कश्यप के यही दो बेटे विक्रम और विशाल थे, इसके अलावा उससे तीन बेटियां हैं। दोनों बेटों की इस दुर्घटना में मृत्यु हो जाने से इस परिवार में केवल बेटियां शेष बची हैं। किसी भाई के अब कोई बेटा नही रहा है।

*वेदव्रत गुप्ता 

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