मौसम ने फिर गच्चा दिया, किसानों के चेहरों पर उभरी चिंता की लकीरें

फोटो: सोमवार को बरस रहे पानी का दृश्य

जसवंतनगर(इटावा)। सोमवार को एक बार फिर मौसम ने गच्चा दे दिया। दिन में रुक रुक कर और तेज बरसात होने से यहां किसानों के चेहरों पर फिर से चिंता की लकीरें उभर आईं।

क्षेत्र में 80 परसेंट तक आलू की फसल तैयार होने को खड़ी है। अब किसान खुले मौसम और धूप का इंतजार कर रहे थे, ताकि आलू की बेले सुख सकें और जमीन के अंदर आलू पक सके।

क्षेत्र के किसान अपना ज्यादातर आलू कोल्ड स्टोरेज में भंडारित करते हैं, इसलिए ज्यादातर कोल्ड स्टोर मालिक अगले हफ्ते से कोल्ड स्टोरेज की मशीनें चालू करने की तैयारी में है। अगले हफ्ते से ही भंडारण मुहूर्त शुरू होने वाले हैं। अभी चार-पांच दिन पहले हुई बरसात से आलू की खुदाई वैसे ही लेट हो रही थी, अब आज की बरसात से इस का।समय और बड़ गया है।

किसानों ने बताया कि यदि पानी अब और वर्षा तो आलू दागी हो जाएगा, जिसका भंडारण करना मुश्किल होगा। आलू खेत में काफी सड़ा हुआ निकल सकता है। आलू के उत्पादन पर काफी असर पड़ेगा।

आलू के अलावा सरसों की फसल को भी अब नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि इस समय सरसों की फसल पकने को तैयार है। किसान 15 फरवरी तक सरसों की फसल काटने की इच्छा रखते हैं, मगर बरसात ने सरसों की कटाई का समय भी आगे बढ़ा दिया है।

बरसात से रवि की फसल गेहूं को भले ही फायदा हो ,मगर जिन किसानों ने गेहूं लेट बोया है ,उनको नुकसान होने वाला है ,क्योंकि खेतों में ज्यादा पानी भर जाने से अभी जम रहा बीज सड़कर नष्ट हो जाने वाला है।

ऐसी स्थिति में किसान आसमान की ओर देखते हुए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि इंद्रदेव की नकेल कसे ताकि अब बेमौसम बरसात पर पूरी तरह ब्रेक लग जाए।

*वेदव्रत गुप्ता

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