मोदी-योगी सरकारें किसान और जनविरोधी नीतियों पर चल रही है- मुकुट सिंह
भरथना/इटावा।संदीप पाल। किसान सभा देश का सबसे पुराना बडा किसान संगठन है, जो गांव से लेकर केन्द्र तक संगठित है, जिसकी सदस्यता डेढ करोड है, जो 26 राज्यों में फैला हुआ है। जिसने अंग्रेजी साम्रज्यवाद और जमीदारी प्रथा के खात्मे के लिए फैसलाकुन लडाई लडी, किसान सभा पूंजीपति परस्त नीतियों के खिलाफ , जनपरस्त नीतियों को लाने की हिमायती है जो बढते कृषि संकट, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और नफरती राजनीति पर लगाम लगाये।
यह बात किसान सभा के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मुकुट सिंह ने ऊमरसेन्डा और नगला भोज गांव की आयोजित किसान पंचायत में कही और सभी को नववर्ष की शुभकामनायें दी।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी-योगी सरकारें किसान और जनविरोधी नीतियों पर चल रही है, खेती किसानी घाटे का सौदा हो गई है, महंगाई बेरोजगारी, भूख तेजी से बढ रही है। सरकार किए गये लिखित वादों से मुकर गई है। संयुक्त किसान मोर्चा के एतिहासिक आंदेालन के समक्ष लिए गये लिखित वादों एमएसपी की गारंटी, बिजली बिल वापसी आदि के साथ ही पूर्व में किए गये कर्जा मुक्ति, फसल बीमा, किसान पेंशन 2022 तक आमदनी दोगुनी करने-सभी वेघरों को पक्का घर आदि से पीछे हट गई है।
उन्होंने आगे कहा कि उ0प्र0 के हालात बहुत खराब हैं, महिलाओ, दलितो पर दमन चरम पर है, फसलों को आवारा पशु बर्बाद कर रहे है, खाद, बीज, सिंचाई बिजली की किल्लत है, भ्रष्टाचार का चहुंओर बोलबाला है, नौकरशाही बेलगाम है। एकजुट होकर संयुक्त संघर्षों को और तेज करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर रैलियों और जींद (हरियाणा) में किसान महापंचायत करने का एलान किया है। जिसमें संसद चलो की तारीख का एलान किया जायेंगा।
किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन और मजदूरो के संगठन की आगामी 5 अप्रैल को दिल्ली में संयुक्त रैली होगी।
किसान सभा इटावा के कोषाध्यक्ष अनिल दीक्षित ने देते हुए बताया कि सरकार किसानों से किये गये वायदो से मुकर रही है आज एक बार फिर हमें सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में संघर्ष तेज करने होंगे।
सभा की अध्यक्षता का राम प्रकाश गुप्ता ने की। शिवराम सिंह,दुर्गविजय सिंह शाक्य, रामप्रकाश यादव राम कृष्ण मास्टर,इतवारीलाल व सुरेश सिह यादव आदि किसान नेता मौजूद रहे।