स्वच्छ भारत में बनवाए शौचालयों में जाने में नाक मुंह सकोड़ते हैं लोग
*अधिकांश में ताले जड़े *लोग खुले में शौच जाने को मजबूर
फोटो- कंजड बस्ती मे गंदा पडा शौचालय तथा कचौरा रोड पर शौचालय मे पडा ताला
जसवंतनगर(इटावा)। कस्बे में नगर पालिका द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनवाई गये शौचालय और पिंक शौचालयों की दुर्दशा देखकर माथा पीटने का नागरिकों का मन चलता है।
विभिन्न स्थानो पर ये शौचालय बनवाये गये थे,जो दो साल के अंदर अंदर बदतर हालत में पहुंच गई हैं और इनका उपयोग जरूरतमंद लोग नहीं कर पा रहे हैं।
जिस वजह से जरूरतमंद लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं है नगर का वातावरण भी दूषित हो रहा है। लगता है शौचालयो के निर्माण का उद्देश्य केवल सरकारी धन का दुरुपयोग करना और कमीशन खोरी पर था और पैसे का दुरूप्रयोग पालिका अधिकारियों ठेकेदारों और निर्माण कैसे जुड़े इंजीनियरों ने जमकर किया गया है।
बताया गया है कि नगर में यह शौचालय 60 लाख की लागत से बनाई गई थे। शौचालयो का निर्माण मलीन बस्ती विकास संस्थान कानपुर ने कराया गया था। यह शौचालय कुछ दिनों तो लोगों के उपयोग में आए बाद में इनकी बिल्डिंग चटक गई अथवा पर फर्श धसक गए बाद में इनमें ताले जड़ दिए गए । कुछ शौचालय कुछ दिन और चले मगर गंदगी रहने और रखरखाव न होने से लोगो ने उनमे शौच के लिए जाना छोड दिया। पालिका ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत कस्वे में आठ सार्वजनिक शौचालय बनवाये थे। स्वच्छता चैक करने आई केंद्रीय सर्वे टीम के आने तक इनका पूरा रख-रखाव किया गया। इसके लिए कस्वे में वाहवाही भी लूटी, लेकिन सर्वे के बाद इनकी हालत बिगड़ गई है। आलम यह है कि इनका उपयोग करने में भी अब लोग संकोच करने लगे हैं।
यहां बनाये गये थे शौचालय
कस्वे रेलमंडी कचौरा रोड पर, सैफई चौराहे पर, कोठी कैस्त कंजड कालोनी मे, थाना परिसर के समीप, अहीरटोला की शाला के समीप, ग्राम सिसहाट मे सरस्वती इंटर कालेज के समीप, फक्कडपुरा मे, आदि जगाहो पर लगभग 8-8 लाख की कीमत से बनाये गये थे। इनमें पानी की व्यवस्था तक नहीं है। सफाई भी समय पर नहीं हो पा रही है। जिसके चलते ज्यादातर बंद पडे है।
रेलमंडी के अंकुर ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत कस्वे में बनाये गये शौचालय कबाड़ बन चुके हैं। तथा उसकी बिल्डिंग चटक गई है जिसका प्रयेग नही हो रहा है।
कचौरा रोड के मनोज कुमार ने बताया कि शौचालया मे इतनी गंदगी है साफ सफाई का ध्यान यहां रखा नही जाता जिसके चलते लोग शौचालयो ने जाने के बजाय खेतो पर या सडको पर शौच के लिए जाते है।
नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी रामेन्द्र सिंह ने जब पूछा गया तो उन्होने बताया कि जिस संस्था ने यह शौचालय बनाये थे उनके नोटिस जारी किये गये है मगर अभी तक उन्होने केई ध्यान नही दिया है जल्द ही शौचालयो को ठीक कराया जायेगा।
*वेदव्रत गुप्ता