स्विटजरलैंड ने 3-2 से जीत हासिल कर अंतिम-16 में बनाई अपनी जगह, ऐसा रहा मैच
सर्बिया-स्विट्जरलैंड ग्रुप जी वर्ल्ड कप मैच में अराजकता फैल गई जिसमें स्विटजरलैंड ने 3-2 से जीत हासिल कर अंतिम-16 में जगह बना ली. स्विटजरलैंड के गोलकीपरों के वायरल हुए अश्लील इशारों से लेकर सर्बिया के लोगों के अपमानजनक और नस्लवादी नारों ने कोसोवो संघर्ष की कड़वी यादें मैच के दूसरे हाफ के दौरान याद दिला दी.
गेंद को नेट में डालने के बाद उन्होंने अपने होठों पर अपनी उंगली रख ली और अपनी शर्ट के पीछे नाम की तरफ इशारा कर जश्न मनाया. दोनों स्विस खिलाड़ी मूल जातीय रूप से अल्बानियाई परिवारों में पैदा हुए हैं. जहां की सरकार ने चालकों को सर्बिया द्वारा जारी लाइसेंस प्लेट को वापस करने को मजबूर किया. सर्बिया-कोसोवो विवाद का समाधान नजर नहीं आ रहा है.
दूसरी तरफ सर्बों को मैच के दौरान अपशब्द बोलते और नारेबाजी करते देखा गया.अल्बेनियाई लोगों को मारो, मारो, मारो के नारे भी वहां गूंज रहे थे. प्रशंसकों ने “कोसोवो इज द हार्ट ऑफ सर्बिया” भी गाया जो कोसोवो की स्वतंत्रता को मान्यता देने से उनके देश के इनकार से संबंधित है.
सर्बिया-स्विटजरलैंड विवाद की जड़ में सर्बिया का कोसोवो को आजाद देश की मान्यता नहीं देना रहा. 14 साल पहले कोसोवो ने सर्बिया से अलग होकर आजाद देश होने का एकतरफा ऐलान किया. बाल्कन चरित्र के गहराई तक पैठ से उनके संबंध राजनीतिक के साथ भावनात्मक भी हैं.